वर्ष 1979-80 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष बने।
वर्ष 1991-93 में वे राजस्थान विधानसभा में उप मुख्य सचेतक बने।
वर्ष 1993-98 के दौरान उन्होंने सरकार के सबसे महत्त्वपूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राज्य मंत्री का पद संभाला।
वर्ष 1998-2003 में भाजपा विधायक दल के सचेतक बने।
वर्ष 2003-2008 के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर सार्वजनिक निमाण मंत्रालय सौंपा एवं संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया।
वर्ष 2008-2013 में भाजपा विधायक दल के सचेतक बने।
वर्ष 2013-2016 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला|
वर्ष 2016-18 में उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय के कैबिनट मंत्री के तौर पर गांवों के सर्वांगीण विकास की दिशा में नए आयाम स्थापित किए। विधायक बनने के बाद उन्हें राजस्थान विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति, जनलेखा समिति व गृह समिति जैसी वि भिन्न समितियों के सदस्य के रूप में भी शामिल किया जाता रहा है।
वर्ष 2019 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद भाजपा आलाकमान ने राजेन्द्र राठौड़ के राजनीतिक अनुभव, नेतृत्व कौशल व कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें राजस्थान विधान सभा में उपनेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा|