LEADERSHIP

नेतृत्व

राजस्थान प्रदेश की जनता को आवाज़ देने वाले, कर्मठ नेता श्री राजेंद्र राठौर "जननायक" के नाम से भी जाने जाते हैं। 1989 में राजस्थान विश्विद्यालय में अध्यक्ष के रूप में पहली बार आपने नेतृत्व की कमान थामी और मुड़ कर नहीं देखा। राठौर साहिब ने वर्ष 1990 से प्रथम बार 9वीं विधानसभा में चुने जाने के बाद लगातार विधायक के रूप में कार्य किया है। श्री राजेंद्र जी ने अपनी मुखरता एवं विश्लेषणात्मक काबिलियत के चलते सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगो का मन जीता हैं। श्री राजेंद्र राठौड़ ने वर्ष 1981 में मास्को में आयोजित अंतरर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2014 , उनके नेतृत्व में चलाये गए "बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं अभियान" की सफलता इस बात से जाँची जा सकती हैं कि कार्यक्रम में शामिल ऐतिहासिक संख्या को देखते हुए इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया हैं।
PROFILE

व्यक्तिगत विवरण

पूरा नाम राजेन्द्र राठौड़
पिता का नाम स्व. श्री उत्तमसिंह राठौड़
माता का नाम श्रीमती फूलकंवर
जन्मतिथि 21 अप्रेल 1955
जन्म स्थान जयपुर
शिक्षा बी.एस.सी., एम.ए., एल.एल.बी., श्रम कानून में डिप्लोमा
विवाह तिथि 17 फरवरी, 1979

राजेंद्र राठौड़ का जन्म 21 अप्रैल, 1955 को ग्राम हरपालसर तहसील सरदारशहर जिला चूरू के अंदर हुआ । इनके पिता का नाम उत्तम सिंह है और इनकी माता का नाम हर फुल कंवर है। एक संस्कारी परिवार में पले - बढे राठौड़ साहिब उच्च शिक्षा के भी धनी हैं। राजेंद्र जी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BAC ,MA ,LLB की डिग्रीया अर्जित की हैं। उनका विवाह सन् 1979 में श्रीमती चाँद कँवर से संपन्न हुआ था। राजेंद्र राठौड़ के सुपुत्र श्री पराक्रम राठौड़ एक उधमी है और पिता जी के विचारों के अनुयायी भी।

 

श्री राजेंद्र राठौड़ एक ऐसा नाम है, जिसे राजस्थान की धरा पर रहने वाला हर एक व्यक्ति उनके नाम और काम से बखूबी पहचानता है। बात चाहे फिर जनता की हो या जनता से जुड़े मुद्दों की। जनता की आवाज को मुखर रूप से उठाने के लिए मशहूर श्री राजेंद्र राठौड़ को शायद इसी लिए प्रदेशवासी जननायक के नाम से भी बुलाते हैं। ये वो नाम हैं जिसे प्रदेश की जनता ने श्री राजेंद्र राठौड़ को उनकी कार्यशैली और जनता के प्रति आत्मीयता, जवाबदेही और कर्मठ भाव के चलते दिया हैं।

 

श्री राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष राजस्थान विधानसभा में लगातार 7वीं बार विधायक हैं। इनका विधानसभा में शानदार प्रदर्शन रहा है। अपनी यात्रा इन्होंने वर्ष 1979 में राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में प्रारंभ की तथा वर्ष 1981 में मास्को में आयोजित अंतरर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में श्री राजेंद्र राठौड़ ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे पदों पर रहे हैं। राठौड़ साहिब अब तक मास्को , थाईलैंड , तंजानियां जैसे देशो की विदेश यात्रा का अनुभव कर चुके हैं। वर्ष 2009 में राजस्थान विधानसभा में श्री राजेंद्र राठौड़ को सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया।

 

श्री राजेंद्र राठौड़ ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक निर्माण विभाग ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग तथा संसदीय मामलात विभाग व कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया है। श्री राजेंद्र राठौड़ राजस्थान विधानसभा में अत्यंत मुखर एवं प्रभावी वक्ता के तौर पर जाने जाते हैं तथा हर विषय पर पूर्ण तैयारी के साथ एवं तथ्य व आंकड़ों के प्रभावी प्रस्तुतीकरण के लिए इन्हें जाना जाता है। मंत्री के रूप में जहां ये प्रोएक्टिव रहते हैं वहीं प्रतिपक्ष में रहते हुए राज्य सरकार की कमियों को उजागर करने का कार्य बखूबी निभाते आ रहे हैं।

 

श्री राजेंद्र राठौड़ अत्यंत मेहनती आंकड़ों एवं तथ्यों के गहन विश्लेषण तथा परिणाम देने वाले कुशल प्रशासक रहे हैं। कर्मचारियों एवं आमजन से सीधा संपर्क रखने के कारण इनको समस्याओं के मूल कारणों का पता रहता है तथा अपनी सूझबुझ एवं कुशलता से यह राज्य सरकार के मंत्री के रूप में शासन के लिए सदैव एक ऐसेट साबित हुए हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र से यह सदैव जीवंत संबंध रखते आए हैं। श्री राजेंद्र राठौड़ जी द्वारा प्रतिदिन जनसुनवाई करना तथा जनसमस्याओं का निराकरण इनकी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा है। विधानसभा की जनता से जीवंत संबंध का आलम यह है कि लोग अपनी व्यक्तिगत एवं परिवारिक समस्याएं लेकर भी इनके पास आते हैं और आश्चर्यजनक रूप से यह इनका समाधान भी करते हैं। श्री राजेंद्र राठौड़ धार्मिक एवं जातीय कट्टरता से अत्यंत दूर हैं। यही कारण है कि इनके पास प्रदेष से सभी धर्मों एवं जातियों के लोग समान भाव से अपनी समस्याओं का समाधान कराने के लिए आते हैं तथा इनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। इसके पीछे का कारण उनका सरल एवं सौम्य व्यवहार है, जो वर्ष 1990 में विधायक चुने जाने से लेकर आज तक अनवरत बना हुआ है। श्री राजेंद्र राठौड़ के राजनैतिक मित्रों में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नेता ही सम्मिलित नहीं वरन पार्टी लाइन से हटकर इनकी मित्रता का दायरा बहुत बड़ा है तथा हर दिल के चहेता नेता के रूप इनकी छवि जग प्रसिद्ध है।

उपलब्धियाँ

चुरू जिले के हरपालसर का एक नौजवान छात्र जिसने राजनीति से विधानसभा तक का लम्बा सफर तय किया अपने बेहतरीन निर्णयों, वाक् पटुता के चलते उन्होंने जनता और पार्टी दोनों का दिल जीता। समय-समय पर राठौड़ साहिब मीडिया में भी छाये रहें। आइये, जाने उनके जीवन की कुछ उपलब्धियों के बारे में ।
युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व

1981 - मास्को में आयोजित अंतरर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

"बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं" अभियान

21 दिसम्बर 2014 - "बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं" अभियान लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में प्रतिभागियों की ऐतिहासिक संख्या को देखते हुए शामिल किया गया।

"तम्बाकू छुडाओं, युवा बचाओं"

15 मई 2015 - "तम्बाकू छुडाओं, युवा बचाओं" शपथ ग्रहण समारोह को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया।

गांवों में सड़क निर्माण

चूरू के अंदर आज से कुछ दशक पहले ऐसे बहुत से गांव थे । जिनके अंदर सड़क का कोई नामोनिशान नहीं था पर आज लगभग हर गाँव को चारों ओर से सड़कों से जोड़ा जा चुका है।

आधारभूत सुविधाओं का विकास

चूरू में जिन गांवों के अंदर पीने के लिए पानी नहीं था वहां पर पानी की टंकी बनाई गई है। और मीठे पानी की योजना को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करवाया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में विकास

चूरू जिले में मेडिकल कॉलेज खुलवाया गया। इसके अलावा गांवों में अंदर ग्रामिणों की मांग पर स्कूल बनवाये गए।

गांवो में विधुतिकरण और बिजली

श्री राजेंद्र राठौड़ के अथक प्रयासों का परिणाम है कि चूरू के अधिकतर गांवों मे बिजली बहुत कम काटी जाती है। यहां के लोग तो लाईट एक बार कुछ समय के लिए कट जाए तो सीधा मंत्री के पास फोन कर देते हैं।

ऑक्सीजन प्लांट

रिकॉर्ड समय में चूरू में "ऑक्सीजन प्लांट" स्थापित कर लोगों की जिंदगी को बचाने की पहल की।

लॉकडाउन - 2020

एक परिंड़ा, एक पालक अभियान" और "अन्नपूर्णा अक्षय पात्र" के जरिए लॉकडाउन में पंक्षियों के लिए जगह-जगह परिंडों की व्यवस्था